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सादगी से अनमोल और कोई श्रृंगारिक गहना नहीं देख लेना पाश्चतय संस्कृति रूपी सोलह श्रृंगार से सजा कर ख़ुद को, फीका है हर श्रृंगार हमारी भारतीय संस्कृति रूपी श्रृंगार के आगे, ...